धुंध- जिंदगी के रंग- 11(कविता) A Tributes -poetry

Etah road accident: School bus collides with truck killing over 20 school kids, dozens injured.( 19th January, 2017)

palash

राह चलते-चलते ,

सामने धुंध छा गया।

धुंधली राह में ङगर खो गया।

हँसते- खिलखिलाते नन्हें-मुन्ने भी

खो गये कोहरे की चादर में।

रह गये बिखरे नन्हें जूते, किताबें, स्कूल बैग…….

जाते हुए शिशिर अौर

आते हुए वसन्त ने पलाशों को खिला दिया।

जैसे ‘जंगल में आग’ लगा दिया।

पर ये फूल से नन्हें-मुन्ने  समय से पहले मुरझा क्यों गये?

आग बनने से पहले, राख में खो गये।

रह गये ‘टेसू के आग’ से टीस दिलों में………

शब्दार्थ- Word meaning

जंगल की आग,टेसू, पलाश – flower known as flame-of-the-forest, bastard teak.

शिशिर -Winter Season

वसन्त – Spring Season

टीस – twinge, suffering, pain, misery, ache.

Images from Internet.

78 thoughts on “धुंध- जिंदगी के रंग- 11(कविता) A Tributes -poetry

    1. धन्यवाद. यह कविता वास्तव में मेरे मन की व्यथा है. इस ख़बर को पढ़ने के बाद यह मैने शब्दों में व्यक्त कर दिया.

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  1. The sorrow of lost loved ones is so very hard to bear, Rekha for those who are in grief. This poem shows how melodious your heart bleeds when one hears of such incidents..Life is so unpredictable.

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  2. हर एक दर्दमंद के दर्द को महसूस करना ही तो कवि का काम है, उसकी फ़ितरत है । वही आपने किया है रेखा जी । आपकी इस कविता को पढ़ने के बाद मुझे एक बहुत पुरानी फ़िल्मी ग़ज़ल याद आ गई है – ‘संसार की हर शै का इतना ही फ़साना है; इक धुंध से आना है, इक धुंध में जाना है’ । और मासूम बच्चों के लिए दर्द से मन-ही-मन कराहते हुए मैं जौक साहब का यह शेर भी याद कर रहा हूँ – ‘फूल तो दो दिन बहार-ए-जां फिज़ा दिखला गये, हसरत उन गुंचों पे है जो बिन खिले मुरझा गये !!’

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    1. आपने फिल्म धुंध के मेरे पसंदीदा गाने का जिक्र किया है – ‘संसार की हर शै का इतना ही फ़साना है; इक धुंध से आना है, इक धुंध में जाना है’ । आपके पास वास्तव में गीतों – ग़ज़लों का खजाना है।अक्सर पुराने फ़िल्मी गानों को याद करने की मेरी कोशिशें अधुरी रह जाती हैं।
      खुबसूरत ग़ज़ल ,शेर लिखने अौर कविता पढ़ने के लिये शुक्रिया।

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    1. धन्यवाद राकेश जी। मुझे आपकी कविता ‘करुणा’ बहुत पसंद आई पर comment box नहीं मिलने की वजह से यह बात लिख नहीं पाई।

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      1. शुक्रिया रेखा जी , आभार . मुझे खेद है कि आपको कमेंट बॉक्स नहीं मिलने के कारण असुविधा हुई . कभी-कभी नेटवर्क के स्पीड के कारण ऐसा हो जाता है .
        मेरी नई पोस्ट का लिंक :
        http://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/01/blog-post_26.html

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  3. you showed the pain in very touching words…

    it is very painful news and it happens very frequently in every part of our country… i think govt. should take strict action against school administrators to provide trained drivers and properly fit and equipped vehicles for students…

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