जिंदगी के रंग – 26

 

IndiSpire – Ideas for Edition 185

Do you have that one person who was once your best companion but now a complete stranger? What changed?

जिंदगी के सफर में जब भी  रिश्तों की

कश्ती ङूबती है

कभी माँझी,  कभी मौसम अौर

कभी  नदी  के भँवर ………. बदनाम होते हैं।

पर जब नाव का  छुपा सुराख़ ही उसे

ङूबाने लगे  ,

 तब  वफा – वेवफा, टूटना – छूटना,

अपना -पराया क्या मतलब रखतें हैं?

धोखा… अविश्वास का  सुराख़…..

किसी  को मार  ङालने

के लिये अकेले हीं काफी है।

यह

    रिश्तों  को जीने  नहीं देता………

44 thoughts on “जिंदगी के रंग – 26

  1. बहुत अच्छे विचार हैं रेखा जी । पढ़कर किशोर कुमार जी का अमर गीत याद आ गया – ‘चिंगारी कोई भड़के तो सावन उसे बुझाए, सावन जो अगन लगाए, उसे कौन बुझाए’ । मेरा तो यही मानना रहा है रेखा जी कि – ‘आँच देंगे सर्द मौसम में दुशालों की तरह, टूटने मत दीजिए संबंध प्यालों की तरह’ । लेकिन आपकी कविता में जो अभिव्यक्ति है, वह भी यथार्थ रूप में प्रायः दृष्टिगोचर हो ही जाती है । और जिस पर बीतती है, वही जानता है कि ऐसे अनुभव कितने पीड़ादायी होते हैं । जिस बदनसीब को अपनों के दिए हुए घाव सहने पड़ते हैं, उसे तो यही कहना पड़ता है – ‘ग़ैर तकलीफ़ अब न फरमाएं, दोस्त काफ़ी हैं दुश्मनी के लिए’ ।

    Liked by 1 person

    1. शुक्रिया जितेंद्र जी , आपके गीत , तारीफ का अंदाज़ और उपमायें हमेशा खूबसूरत और अनोखी होती है और बिलकुल सटीक बैठती है .

      मैंने यह कविता indispire के लिये लिखा है , पर यही यथार्थ भी है . लोगों के आपसी सम्बन्धों में भरोसा व विश्वास ना हो तब सम्बन्ध टिकना कठिन है .
      आपने अपनी नई तस्वीर लगाई है शायद ? अच्छी है .

      Liked by 1 person

      1. हार्दिक आभार आदरणीया रेखा जी । यह तसवीर नई तो नहीं है, काफ़ी पुरानी है लेकिन बालिग होने के बाद खिंचवाई गई मेरी तसवीरों में से शायद सबसे अच्छी है । अब तो मैं तसवीरें खिंचवाता ही नहीं । कई साल हो गए हैं तसवीरें खिंचवाए हुए ।

        Liked by 1 person

      2. अच्छी तस्वीर है यह .
        मेरी फिल्म जानकारी आपके ब्लॉग से सुधर रहीं है 😊😊. सुष्मिता बंदोपाध्याय की इतनी विस्तृत जानकारी पहली बार आपके ब्लॉग पर mili.

        Liked by 1 person

    1. i tried but couldn’t reach yr blog . it says –passionartweb.wordpress.com is no longer available.
      The authors have deleted this site.
      will you pl share yr blog link ?

      Like

Leave a comment